आप ख़ुदा को कैसा पहचानेंगे?

सवाल और जवाब जिन पर हम सभी सहमत होंगे :

1. किसके नाम से प्रार्थना करने के लिए लोग इकट्ठे होते हैं?
ज) परमेश्वर के

2. जब लोग प्रार्थना करने के लिए इकट्ठे होते हैं, तब किसकी उपस्थिति वास्तव में वहाँ रहती है?
ज) परमेश्वर की

3. स्वर्गदूतों को कौन भेजता है?
ज) परमेश्वर

4. स्वर्ग राज्य के लिए चुने हुए लोग किसके हैं?
ज) परमेश्वर के

5. परमेश्वर के अनुयायियों के साथ किसकी उपस्थिति सदा रहती है?
ज) परमेश्वर की

6. परलोक में कौन रहता है?
ज) परमेश्वर

7. स्वर्ग से उतर कर नीचे कौन आता है?
ज) परमेश्वर

8. अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए हमें किस पर विश्वास लगाना चाहिए?
ज) परमेश्वर पर

9. किसके द्वारा हमें उद्धार प्राप्त होता है?
ज) परमेश्वर के

10. हमारे आत्मिक भूख और प्यास को संतुष्ट कौन करता है?
ज) परमेश्वर

11. अंतिम दिन में लोगों को फिर से कौन पुनर्जीवित करता है?
ज) परमेश्वर

12. जीवन की रोटी कौन है?
ज) परमेश्वर

13. किसकी बातें कभी न टलेंगी?
ज) परमेश्वर की

14. जीवन देने वाला या जीवन दाता कौन है?
ज) परमेश्वर

15. जीवन कौन है?
ज) परमेश्वर

16. अगर हम उसके लिए जीवन खो देंते हैं, तो फिर से जीवित करनेवाला कौन है?
ज) परमेश्वर

17. किसे हमें अपना उच्चतम प्यार देना चाहिए?
ज) परमेश्वर को

18. जीवन जल (पवित्र आत्मा) की धाराओं को कौन देता है?
ज) परमेश्वर

19. दुनिया की जोती (रोशनी) कौन है?
ज) परमेश्वर

20. कौन है जो लोगों को पाप से मुक्त करता है?
ज) परमेश्वर

21. पाप क्षमा करने का अधिकार किसे है?
ज) परमेश्वर

22. सनातन कौन है?    
ज) परमेश्वर

23. पुनरूत्थान और जीवन कौन है?
ज) परमेश्वर

24. "प्रभु" कहलाने का योग्य कौन है?
ज) परमेश्वर

25. विश्वासियों के लिए स्वर्ग में एक जगह तैयार कौन करता है?
ज) परमेश्वर

26. हमें अनन्त जीवन को पहुंचाने वाला "मार्ग" कौन है?
ज) परमेश्वर

27. हमें अनन्त जीवन को पहुंचाने वाला "सत्य" कौन है?
ज) परमेश्वर

28. हमें अच्छे फल फलने [भले काम करने] की शक्ति कौन देता है?
ज) परमेश्वर

29. वह कौन है जिस से अलग रहकर हम कुछ नहीं कर सकते हैं?
ज) परमेश्वर

30. मृत्यु और अधोलोक की कुंजियाँ किस के पास हैं?
ज) परमेश्वर

31. हृदय और मन को परखनेवाला कौन है?
ज) परमेश्वर

32. हमारे कामों के अनुसार बदला देनेवाला कौन है?
ज) परमेश्वर

33. मनुष्यों को न्याय करने के लिए आकाश के बादलों पर कौन आएगा?
ज) परमेश्वर

34. सब्त के दिन का प्रभु कौन है?
ज) परमेश्वर

35. नई सृष्टि के द्वरा सभी चीज़ों का नवीकरण करने के समय में अपने महिमा सिंहासन पर बैठने वाला कौन है?
ज) परमेश्वर

36. सभी लोगों का न्याय करने वाला न्यायी कौन है?
ज) परमेश्वर

क्या आप मुझसे सहमत हैं कि ऊपर दिये गये सभी गुण और विशेषताएँ केवल परमेश्वर से संबंधित हैं?

  • सहमत नहीं हूँ (आप क्यों सहमत नहीं हैं, और परमेश्वर को पहचानने के लिए और क्या ज़रूरत है?)
  • सहमत हूँ (तो आप इस के बारे में क्या कहते हैं?)

ईसाई लोग क्यों दावा करते हैं कि यीशु मसीह मनुष्य के रूप में आये हुए परमेशवर हैं?
इस अभिप्राय का आविष्कर ईसाइयों ने नहीं कीया था, बल्कि यीशु ही ख़ुद बार बार यह दावा करतें थे|


यीशु मसीह के दिये हुए जवाबों को अब हम देखेंगे:

1. किसके नाम से प्रार्थना करने के लिए लोग इकट्ठे होते हैं?
ज) प्रभु यीशु मसीह के नाम से

प्रभु यीशु ने कहा - "क्योंकि जहाँ दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठा होते हैं (प्रार्थना करने के लिए)" मत्ती 18:19,20

2. जब लोग प्रार्थना करने के लिए इकट्ठे होते हैं, तब किसकी उपस्थिति वास्तव में वहाँ रहती है?
ज) प्रभु यीशु मसीह की उपस्थिति

प्रभु यीशु ने कहा - "क्योंकि जहाँ दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठा होते हैं, वहाँ मैं उनके बीच में होता हूँ" मत्ती 18:19,20

3. स्वर्गदूतों को कौन भेजता है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा" मत्ती 13:41

प्रभु यीशु ने कहा - "तब मनुष्य के पुत्र का चिह्न आकाश में दिखाई देगा, और तब पृथ्वी के सब कुलों के लोग छाती पीटेंगे; और मनुष्य के पुत्र को बड़ी सामर्थ्य और ऐश्वर्य के साथ आकाश के बादलों पर आते देखेंगे। वह तुरही के बड़े शब्द के साथ अपने दूतों को भेजेगा" मत्ती 24:30,31 [और मत्ती 16:27, 25:31]

4. स्वर्ग राज्य के लिए चुने हुए लोग किसके हैं?
ज) प्रभु यीशु मसीह के

प्रभु यीशु ने कहा - "और वे आकाश के इस छोर से उस छोर तक, चारों दिशाओं से उसके चुने हुओं को इकट्ठा करेंगे" मत्ती 24:30,31     

5. परमेश्वर के अनुयायियों के साथ किसकी उपस्थिति सदा रहती है?
ज) प्रभु यीशु मसीह की उपस्थिति

प्रभु यीशु ने कहा - "मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हूँ" मत्ती 28:20

6. परलोक में कौन रहता है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "कोई स्वर्ग पर नहीं चढ़ा केवल वही जो स्वर्ग से उतरा, अर्थात मनुष्य का पुत्र" यूहन्ना 3:13

7. स्वर्ग से उतर कर नीचे कौन आता है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी, मैं हूँ" यूहन्ना 6:51

प्रभु यीशु ने कहा - "मैं ऊपर का हूँ. ... मैं संसार का नहीं" यूहन्ना 8:23

प्रभु यीशु ने कहा - "मैं पिता की ओर से जगत में आया हूँ; मैं फिर जगत को छोड़कर पिता के पास जाता हूँ" यूहन्ना 16:28

8. अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए हमें किस पर विश्वास लगाना चाहिए?
ज) प्रभु यीशु मसीह पर

प्रभु यीशु ने कहा - "उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र भी ऊँचे पर चढ़ाया जाए; ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह अनन्त जीवन पाए" यूहन्ना 3:14,15

प्रभु यीशु ने कहा - "और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँ, वे कभी नष्ट न होंगी" यूहन्ना 10:28

9. किसके द्वारा हमें उद्धार प्राप्त होता है?
ज) प्रभु यीशु मसीह के द्वारा

प्रभु यीशु ने कहा - "द्वार मैं हूँ; यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे, तो उद्धार पाएगा" यूहन्ना 10:9

10. हमारे आत्मिक भूख और प्यास को संतुष्ट कौन करता है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "जीवन की रोटी मैं हूँ: जो मेरे पास आता है वह कभी भूखा न होगा, और जो मुझ पर विश्वास करता है वह कभी प्यासा न होगा" यूहन्ना 6:35

11. अंतिम दिन में लोगों को फिर से कौन पुनर्जीवित करता है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "जो कोई पुत्र को देखे और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए, और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊँगा" यूहन्ना 6:40-44

12. जीवन की रोटी कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "जीवन की रोटी मैं हूँ" यूहन्ना 6:48

13. किसकी बातें कभी न टलेंगी?
ज) प्रभु यीशु मसीह की

प्रभु यीशु ने कहा - "आकाश और पृथ्वी टल जाएँगे, परन्तु मेरी बातें कभी न टलेंगी" मरकुस 13:31

14. जीवन देने वाला जीवन दाता कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "वह भी जो मुझे खाएगा मेरे कारण जीवित रहेगा" यूहन्ना 6:57

प्रभु यीशु ने कहा - "यदि कोई व्यक्ति मेरे वचन पर चलेगा, तो वह अनन्त काल तक मृत्यु को न देखेगा" यूहन्ना 8:51

15. जीवन कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "जीवन मैं ही हूँ" यूहन्ना 14:6

16. अगर हम उसके लिए जीवन खो देते हैं, तो फिर से जीवन देनेवाला कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "जो मेरे कारण अपना प्राण खोता है, वह उसे पाएगा" मत्ती 10:39

17. किसे हमें अपना उच्चतम प्यार देना चाहिए?
ज) प्रभु यीशु मसीह    

प्रभु यीशु ने कहा - "जो माता या पिता को मुझसे अधिक प्रिय जानता है, वह मेरे योग्य नहीं; और जो बेटा या बेटी को मुझ से अधिक प्रिय जानता है, वह मेरे योग्य नहीं" मत्ती 10:37,38

18. जीवन जल (पवित्र आत्मा) की धाराओं को कौन देता है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्रशास्त्र में आया है, उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियाँ बह निकलेंगी" यूहन्ना 7:38,39

19. दुनियाँ की जोती (रोशनी) कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "जगत की ज्योति मैं हूँ; जो मेरे पीछे हो लेगा वह अन्धकार में न चलेगा" यूहन्ना 8:12, 9:5

20. कौन है जो लोगों को पाप से मुक्त करता है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "मैं तुम से सच सच कहता हूँ कि जो कोई पाप करता है वह पाप का दास है... इसलिये यदि पुत्र तुम्हें स्वतंत्र करेगा, तो सचमुच तुम स्वतंत्र हो जाओगे" यूहन्ना 8:34,36

21. पाप क्षमा करने का अधिकार किसे है?
ज) प्रभु यीशु मसीह को

प्रभु यीशु ने कहा - "परन्तु इसलिये कि तुम जान लो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का अधिकार है" मत्ती 9:6

22. सनातन कौन है?    
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "कि पहले इसके कि अब्राहम उत्पन्न हुआ, मैं हूँ" यूहन्ना 8:58

23. पुनरूत्थान और जीवन कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "पुनरूत्थान और जीवन मैं ही हूँ; जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा" यूहन्ना 11:25

24. "प्रभु" कहलाने का योग्य कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "तुम मुझे गुरु और प्रभु कहते हो, और ठीक ही कहते हो, क्योंकि मैं वही हूँ" यूहन्ना 13:13

25. विश्वासियों के लिए स्वर्ग में एक जगह तैयार कौन करता है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ" यूहन्ना 14:2

26. हमें अनन्त जीवन को पहुंचाने वाला "मार्ग" कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "मार्ग मैं ही हूँ" यूहन्ना 14:6

27. हमें अनन्त जीवन को पहुंचाने वाला "सत्य" कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "सत्य मैं ही हूँ" यूहन्ना 14:6

28. हमें अच्छे फल फलने [भले काम करने] की शक्ति कौन देता है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "सच्ची दाखलता मैं हूँ. ... तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में। जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते" यूहन्ना 15:1-4

29. वह कौन है जिससे अलग रहकर हम कुछ नहीं कर सकते हैं?    
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते" यूहन्ना 15:5

30. मृत्यु और अधोलोक की कुंजियाँ किस के पास हैं?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "मैं प्रथम और अन्तिम और जीवता हूँ; मैं मर गया था, और अब देख मैं युगानुयुग जीवता हूँ; और मृत्यु और अधोलोक की कुंजियाँ मेरे ही पास हैं" प्रकाशितवाक्य 1:17,18

31. ह्रदय और मन को परखनेवाला कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "ह्रदय और मन का परखनेवाला मैं ही हूँ" प्रकाशितवाक्य 2:23

32. हमारे कामों के अनुसार बदला देनेवाला कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "मैं तुम में से हर एक को उसके कामों के अनुसार बदला दूँगा" प्रकाशितवाक्य 2:23

33. मनुष्यों को न्याय करने के लिए आकाश के बादलों पर कौन आएगा?
ज) प्रभु यीशु मसीह

तब महायाजक ने उससे कहा, "मैं तुझे जीवते परमेश्वर की शपथ देता हूँ कि यदि तू परमेश्वर का पुत्र मसीह है, तो हम से कह दे" यीशु ने उससे कहा, "तू ने आप ही कह दिया; वरन मैं तुम से यह भी कहता हूँ कि अब से तुम मनुष्य के पुत्र को सर्वशक्तिमान के दाहिनी ओर बैठे, और आकाश के बादलों पर आते देखोगे" मत्ती 26:63,64

34. सब्त के दिन का प्रभु कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "मनुष्य का पुत्र तो सब्त के दिन का भी प्रभु है" मत्ती 12:8

35. नई सृष्टि के द्वरा सभी चीजों का नवीकरण करते समय में अपनी महिमा सिंहासन पर बैठने वाला कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "नई सृष्टि में जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा के सिंहासन पर बैठेगा" मत्ती 19:28

36. सभी लोगों का न्याय करने वाला न्यायी कौन है?
ज) प्रभु यीशु मसीह

प्रभु यीशु ने कहा - "जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा और सब स्वर्गदूत उसके साथ आएँगे, तो वह अपनी महिमा के सिंहासन पर विराजमान होगा। और जैसे चरवाहा भेड़ों को बाकरियों से अलग कर देता है, वैसे ही वह उन्हें एक दूसरे से अलग करेगा" मत्ती 25:31,32

प्रभु यीशु ने कहा - "इसलिये जागते रहो और हर समय प्रार्थना करते रहो कि तुम इन सब आनेवली घटनाओं से बचने और मनुष्य के पुत्र के सामने खड़े होने के योग्य बनो" लूका 21:36

प्रभु यीशु ने कहा - "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है, कि सब लोग जैसे पिता का आदर करते हैं वैसे ही पुत्र का भी आदर करें" यूहन्ना 5:22,23

प्रभु यीशु ने कहा - "मैं और पिता एक हैं" यूहन्ना 10:30

फिलिप्पुस ने उससे कहा, "हे प्रभु, पिता को हमें दिखा दे, यही हमारे लिये बहुत है।" यीशु ने उससे कहा, हे फिलिप्पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूँ, और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है। तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा?" यूहन्ना 14:8, 9

ईसाई लोग क्यों दावा करते हैं कि यीशु मसीह मनुष्य के रूप में आये हुए परमेशवर हैं? इस अभिप्राय का आविष्कार ईसाइयों ने नहीं किया था, बल्कि यीशु ही खुद बार बार यह दावा करते हैं। ईसाई लोग तो यीशु मसीह के इन बातो पर विश्वास करते हैं और उन्हें स्वीकारते हैं। जो लोग इन बातों से असहमत हैं, वह यीशु मसीह को और उनकी बातों को भी ठुकराते हैं। और तो और सच्चे परमेशवर यहोवा के सभी नबियों की गवाही को ठुकराते हैं। इसलिए ऐसे अविश्वासियों को अनन्त जीवन कभी प्राप्त नहीं होगा।

इसका अन्ग्रेज़ी मूल - What about God?


यीशु कौन है ?
आन्सरिंग इस्लाम